नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले न सिर्फ सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में बदलाव होगा। बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े बदलाव की तैयारी जारी है। खबर है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अपनी कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल पर विचार कर रहे हैं। इन अटकलों ने इसलिए जोर पकड़ा है क्योंकि खुद पीएम बीते कुछ दिनों में अलग अलग मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा कर चुके हैं। जिसके बाद ये माना जा रहा है कि सभी कैबिनेट मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड अब चैक होगा और उसके आधार पर कैबिनेट रिशफल और विस्तार की तैयारी शुरू की जाएगी। मंत्रालयों की समीक्षा अकेले पीएम मोदी नहीं कर रहे। बल्कि उनके साथ पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। चार दिनों से लगातार पीएम अलग अलग मंत्रालयों की समीक्षा कर रहे हैं।
कैबिनेट में बदलाव क्यों?
कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच ये सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर अभी फेरबदल या विस्तार की जरूरत क्या है। इसका सबसे बड़ा जवाब है उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव। दरअसल कुछ ही महीनों में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। उससे पहले यूपी कैबिनेट में भी बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। जातिगत और दलगत समीकरणों को साधने के लिए यूपी में बहुत जल्द कैबिनेट विस्तार होगा। उसी कड़ी में ये काम राष्ट्रीय स्तर पर भी होगा। पिछले कुछ दिनों से जिस तेजी से समीक्षा हो रही है। उसे देखते हुए ये संभावनाएं जताई जा रही हैं कि यूपी से जुड़े नेताओं को मोदी कैबिनेट में ज्यादा जगह मिल सकती है।
ये चेहरे आ सकते हैं नजर!
यूपी चुनाव से पहले खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यूपी के कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं से अलग अलग मुलाकात कर चुके हैं। इन नेताओं में अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी शामिल हैं। अनुप्रिया पहले मोदी कैबिनेट में बतौर स्वास्थ्य राज्य मंत्री काम कर चुकी हैं। पर दूसरी बार उन्हें ये मौका नहीं मिला। अब उम्मीद जताई जा रही है कि अनुप्रिया पटेल मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो सकती हैं। मध्यप्रदेश के कोटे से राज्यसभा पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मिनिस्टर इन वेटिंग ही बताए जा रहे हैं। ये उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें भी इस विस्तार में कोई मंत्रालय सौंपा जा सकता है। इससे पहले यूपीए सरकार में वो कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं। .
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