नई दिल्ली। ब्रिटेन में चल रही G-7 समिट के आखिरी दिन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने जी-7 देशों के नेताओं से कोरोना वैक्सीन को पेटेंट फ्री करने की वकालत की साथ ही सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा। विदेश मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी पी हरीश ने पीएम के संबोधन के बाद मीडिया को इसकी जानकारी दी।
पीएम ने कोविड से संबंधित टेक्नोलॉजी के लिए ट्रेड-रिलेटेड आस्पेक्ट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (TRIPS) छूट के लिए समर्थन मांगा। साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इसका जोरदार ढंग से समर्थन किया। ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने भी ट्रिप्स छूट के लिए अपना मजबूत समर्थन व्यक्त किया। इसके पहले वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और यूनाइटेड नेशन के सेक्रेटरी जनरल भी इसका समर्थन कर चुके हैं। इनका मानना है कि ट्रिप्स वेवर ग्लोबल वैक्सीनेशन प्लान के लिए बहुत जरूरी है। भारत और साउथ अफ्रीका ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन को इसका प्रस्ताव भी भेजा है।
ट्रिप्स वेवर के तहत भारत की मांग है कि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन को महामारी से निपटने के लिए कारोबार से संबंधित कुछ खास अधिकारों पर अस्थायी तौर पर रोक लगा देनी चाहिए। अगर ऐसा होता है कि दुनिया के सभी देशों को वैक्सीन और मेडिकल सपोर्ट मिलने में आसानी होगी, क्योंकि कोई देश फिर किसी हेल्थ इमरजेंसी प्रोडक्ट पर अपना एकाधिकार नहीं जता सकेगा।
वहीं क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा- इस चैलेंज का एकजुट होकर मुकाबला करना होगा। हम इसे टुकड़ों में बांटकर काम नहीं कर सकते। भारत जी-20 का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने पेरिस क्लाइमेट समिट से जुड़े अपने सभी वादे पूरे किए हैं। भारत जी-7 का प्राकृतिक सहयोगी है। हमें मिलकर विस्तारवाद और सायबर सिक्योरिटी पर भी काम करना होगा। हम लोकतंत्र और आजादी का समर्थन करते हैं।
बता दें कि जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। जी-7 की अध्यक्षता कर रहे ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया है।
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